Friday, April 23, 2010

रात छोटी है

Not my forte though, trying to weave a slight tinge of passion in romance :).

रात छोटी है, जल्दी ख़त्म हो जानी है,
आँच के नीचे, बाति भस्म हो जानी है

रोशनी बादल के हुक्के की गड़गड़ाहट से
उतर इंद्रधनुष कोई दिलचस्प हो जानी है,
देखता तुम्हे हू, यूँ ओढ़े चाँदनी की चादर,
बूँद पसीने की, जम जिस्म हो जानी है

रात छोटी है, जल्दी ख़त्म हो जानी है,

आओ, ना डरो तुम, ज़माने की राय से,
आज की बग़ावते, कल रस्म हो जानी है,
आँखों की अय्यारि, मुस्कुराहटें ये आम,
आशिक़ के वास्ते तिलिस्म हो जानी है

रात छोटी है, जल्दी ख़त्म हो जानी है,
आँच के नीचे, बाति भस्म हो जानी है

(Tilism is enchantment / magic)

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