Wednesday, October 16, 2013

Song - in Raag Raamdaasi Malhaar

A Friend's group is creating a fusion song (Jazz + Indian Classical) and they had a bandish with them (written from olden times) for which they wanted to extend in further antaras. wrote a few lines for them today. Writing on a tune and music felt awesome :). Lines given to me were :

 

 

छाए बदरा कारे कारे,

उमड़ घूमड़ घन, गरजत बरसत,

ऐसे में जियरा घबराए,

aur antara

 

रुत अंधियारी, बिजरी चमके,

पवन करे, सन सन नन नन नन,

ऐसे में जियरा घबराएं,

My lines adding to this :

 

 

मधुर सी बानी, गीत सुनाएं,

पैजन छन छन छननन छननन,

नित नित व्याकुल, मन अकुलायें,

 

फुल-कुसुम सी, महके काया,

मन भ्रमर सा, गन गन गननन,

भीनी माटी, मधु बिखराएं,

 

याद मल्हार सी, बन कर बरसे

पल पल छल कर, थल पर जल भर

कैसे ना जियरा भर आये ,

आस गिलहरी, भागी जाएँ

जमघट जमघट, सरपट सरपट,

कैसे संग जियरा रह पाए,

 

प्रेम जो बरसा, भीगी आँखें

तर--तर तर, तर--तर तर,

कैसे जी, सुखा रह जाए,

अमृत धारा, बहती जाए,

सरित सुधा भर, कल कल कल कल,

कैसे नैया पार ना आये,

भगवन बन कर, मेरे तेरे,

जाएँ बरखा, बन बन जन जन,

पतित पावन बन रह जाएँ,

No comments:

AddMe - Search Engine Optimization