(Inspired By a Song "Chawk Purao, Mangal Gao .... ". Trying hands on something different than what I have written earlier)
Thought : A woman whose husband is on a short trip outside their village just after their marriage, longs for him. She knows he will be coming soon, and she wants to enjoy her life only with him. She awaits his return sitting on the porch of their house and sings.
ओ बहती ठंडी पुरवई,
मीठी हँसी तू ले आई,
सपने आँखों में नये ले आना,
जाओ,
कुंवर जी आए तब तुम आना,
गैया की गले की घंटी गाती है,
सुबह सवेरे एक मुर्गे के संग,
बँध बियाहे बक्से से गाए कंगन,
साज़ पुरावे मेहेदि के रंग,
सब वाट देखत जाए मोरे संग,
ऐसा संगीत रोज़ ना बजाना,
जाओ,
कुंवर जी आए तब तुम आना,
खेत-हरियाली सिंचते पानी ये जु,
मिट्टीसे बारिश की आवे खुसबु,
तेरे लिए धीमी आँच पे है रोटी,
नीवाला एक
मुझको खिलाना, एक तू खाना,
जाओ री यादें,
कुंवर जी आए तब तुम आना,
सपने आँखों में नये ले आना,
जाओ,
कुंवर जी आए तब तुम आना
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