यहाँ पर तो सब ने की है बंध आँ खें,
यहाँ पर किसी को दिखा कुछ नहीं है,
यहाँ बैंक देखो ये कर्जो को रोये,
वहाँ सिसकियाँ भर, बिना कौर सोये,
यहाँ कुछ निवाले सभी में बटेंगे
ये बच्चों के बारूद समय पर फटेंगे,
ये बिस्कुट वो कोला, कढ़ी पक रह ी है,
यहाँ पर किसी को दिखा कुछ नहीं है,
यहाँ पर तो सब ने की है बंध आँ खें,
यहाँ पर किसी को दिखा कुछ नहीं है
वहां एक कली सी मसल दी गयी थी,
वहाँ कोई बच्ची न जन्मी कभी थी,
यहाँ जल रही थी वो बेटी किसी की,
वहाँ फिर पड़ी थी बिकी आबरू भी,
मगर हम कही थे, यहाँ हम नहीं थे,
यहाँ पर किसी को दिखा कुछ नहीं है,
यहाँ पर तो सब ने की है बंध आँ खें,
यहाँ पर किसी को दिखा कुछ नहीं है,
यहाँ जब नदी साफ़, नालें बनी तो,
यहाँ राख जल के मशालें बनी है,
वहाँ देखो कोई चला नौकरी को,
वो रिश्वत पे गांधी से दारु मिली है,
यहाँ भूत भोली बना अब परी है,
यहाँ पर किसी को दिखा कुछ नहीं है,
यहाँ पर तो सब ने की है बंध आँ खें,
यहाँ पर किसी को दिखा कुछ नहीं है,
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